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लोकसभा में बोले राजनाथ सिंह, संविधान किसी पार्टी की देन नहीं,

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में संविधान पर बहस की शुरुआत की। यह बहस संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ का प्रतीक है। रक्षा मंत्री ने संविधान की सराहना करते हुए इसे देश को एकजुट, लोकतांत्रिक और आत्मनिर्भर बनाए रखने का रोडमैप बताया। उन्होंने कहा कि संविधान सभा द्वारा तैयार संविधान सिर्फ कानूनी दस्तावेज नहीं, बल्कि लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है। उन्होंने साफ तौर पर पर कहा कि हमारा संविधान सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन के सभी पहलुओं को छूते हुए विकास का मार्ग प्रशस्त करता है।
बिना नाम लिए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि संविधान निर्माण में बहुत से लोगों की भूमिका को जानबूझकर नकारा गया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि एक पार्टी विशेष द्वारा संविधान निर्माण के कार्य को ‘हाईजैक’ करने की कोशिश की गई है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि मुझे गौरव की अनुभूति है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ की भावना से काम कर रही है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि हम भारत के लोगों ने 26 नवंबर 1949 को संविधान को अपनाया। संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर मैं इस सदन को और देश के सभी नागरिकों को हृदय से बधाई देता हूं। मैं कह सकता हूं कि हमारा संविधान सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन के सभी पहलुओं को छूकर राष्ट्र निर्माण का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार, भारत के संविधान में निहित धर्म और न्याय की भावना के अनुरूप कार्य कर रही है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारा संविधान प्रगतिशील है। समावेशी है। परिवर्तनकारी है। हमारे संविधान ने हमें एक ऐसे समाज के निर्माणका ‘ब्लूप्रिंट’ दिया है, जिसमें हर प्रकार से समाज में समरसता हो, सद्भाव हो और समृद्धि हो। जहां देश के शीर्ष पद को प्राप्त करने के लिए जन्म की पहचान मायने ना रखे। उन्होंने कहा कि संविधान की मूल प्रति के मुख पृष्ठ पर अजंता गुफाओं की पेंटिंग की छाप मिलती है, और अध्यक्ष महोदय, साथ ही कमल का फूल भी अंकित है। यह कमल का फूल दर्शाता है, कि सदियों की ग़ुलामी के दलदल से बाहर आकर अब एक संप्रभु और लोकतांत्रिक गणराज्य का उदय हो चुका है।

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