मैनपुर के दुर्गम वनांचल डुमरपड़ाव से जागड़ा तक पक्की सड़क का निर्माण शुरू
ग्रामीणों ने जताया मुख्यमंत्री साय का आभार
रायपुर । मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व और संवेदनशीलता के चलते गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखंड के नक्सल प्रभावित दुर्गम वनांचल क्षेत्रों में पक्की सड़क निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है। नेशनल हाईवे 130सी के डुमरपड़ाव से जागड़ा तक 4.7 किमी लंबी सड़क के निर्माण के लिए 3.02 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। दशकों से सड़क की मांग कर रहे ग्रामीणों ने इस ऐतिहासिक पहल के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी का आभार जताया है।
ग्रामीणों का कहना है कि आजादी के 75 वर्षों बाद यह पहली बार है जब उनकी सड़क निर्माण की मांग पर गंभीरता से ध्यान दिया गया है। क्षेत्र के दर्जनभर गांवों के हजारों लोग इस सड़क के अभाव में आवागमन और स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित थे। अब इस सड़क के निर्माण से उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद जगी है।ग्राम पंचायत जागड़ा के सरपंच मिथुला बाई नेताम, उपसरपंच भानु प्रताप सिन्हा और अन्य ग्रामीणों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनकी वर्षों पुरानी मांग को पूरा करके एक बड़ा उपकार किया है। ग्रामीणों ने कहा, हमने कई बार प्रदर्शन और ज्ञापन के माध्यम से अपनी बात रखी थी, लेकिन पहली बार मुख्यमंत्री जी ने हमारी समस्या को समझते हुए इसे हल किया है।
मैनपुर विकास खंड मुख्यालय से 40 किमी दूर पयलीखंड और जांगड़ा जैसे गांव अब पक्की सड़क से जुड़ने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने स्पेशल केंद्रीय सहायता फंड से इस सड़क निर्माण कार्य को मंजूरी दी। इसके चलते न केवल आवागमन सुगम होगा, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा और बिजली जैसी सुविधाओं का लाभ भी ग्रामीणों को मिल सकेगा।
गरियाबंद के कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के तहत इस परियोजना को प्राथमिकता दी है। उनके प्रयासों से सड़क निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यपालन अभियंता अभिषेक पाटकर ने बताया कि यह सड़क प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बन रही है। निर्माण की कुल लागत 3.02 करोड़ रुपये है, और यह कार्य अगले कुछ महीनों में पूरा होने की उम्मीद है।