छत्तीसगढ़

आज स्वदेशी मेला में शास्त्री विद्या, मर्दानी खेल आयोजित

बालाघाट । स्वदेशी जागरण मंच, स्वावलंबी भारत अभियान बालाघाट के अंतर्गत स्वर्णिम भारतवर्ष फाउंडेशन, स्वदेशी जागरण मंच की इकाई के आयोजन में 01 से 10 दिसम्बर तक शासकीय उत्कृष्ट, विद्यालय मैदान, बालाघाट में आयोजित उन्नत, उद्यमी, व्यापार एवं सांस्कृतिक मेला, आपका अपना, स्वदेशी मेला के आज, शुक्रवार को आयोजनों की श्रृंखला में दोपहर शास्त्री विद्या, मर्दानी खेल आयोजित किए गए हैं। शाम 6 बजे बालाघाट प्रतिभा खोज का आयोजन किया गया है। जिसमें पंजीबद्ध प्रतिभागियों से बड़ी संख्या में उपस्थित की अपील स्वदेशी मेला संयोजक मौसम बिसेन ने की। उन्होंने मेला लगे स्वदेशी उत्पादों का लेने का आग्रह किया है। वहीं मेला समन्वयक सत्यनारायण अग्रवाल ने स्वदेशी मेले के मुख्य आकर्षण पंच परिवर्तन का विचार, लोकल बार लोकल, आकाश झूले, भूत बंगला और फीस टनल दर्शकों को लुभा रही है। जो वाकई में उल्लेखनीय प्रर्दशन है।

श्री रामलला की महाआरती

इसी कड़ी में शौर्य दिवस के अवसर पर आपके अपने स्वदेशी मेला में भव्य संत समागम का आयोजन किया गया है। अनुष्ठान जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी प्रज्ञानंद सरस्वती जी महाराज, संत बालकदास जी महाराज, पाटेश्वरधाम, साध्वी बालिका सरस्वती जी के सानिध्य में बड़ी संख्या सनातनी, स्वदेशी जनों, श्रृद्धालुओं देशभक्तो ने उपस्थित होकर संतों के वचनों को सुनकर पुण्य लाभ अर्जित कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। संत समागम में धर्मा आचार्यों के मुखारविंद से पंच परिवर्तन के विचार जैसे कुटुंब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, नागरिक शिष्टाचार और स्वदेशी को अंगीकार करने का जयघोष किया। उन्होंने कहा पंच परिवर्तन का अवधारणा ही समग्र जन चेतना का मूलाधार है। बेला में स्वदेशी अपनाओ, देश बनाओं के मूल मंत्र का आवाह्न किया। ताकि स्थानीय स्तर पर जरुरतमंदों का आर्थिक, सामाजिक और मानवीय विकास हो सके। संमागम में राष्ट्रीय एकता, अखंडता, शौर्य गाथा, संस्कृति, सनातन और सभ्यता को अक्षुण्ण रखने का गुण रहस्य दृष्टिगोचर हुआ। शुभावसर पर सैकड़ों रामभक्तो ने सामूहिक आरती भारतीय परिधान में श्री रामलला की महाआरती का लाभ लिया।

दर्शक आनंदित, ली योजनाओं की जानकारी

दोपहर शास्त्री विद्या, मर्दानी खेल ने अपनी अनोखी छटा बिखेरी। मंत्रमुग्ध दर्शकों ने इसका भरपूर आनंद उठाया। स्वदेशी मेला समिति ने प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। जहां प्रतिभागियों ने ऐसे अनूठे आयोजन के मेला आयोजकों का साधुवाद ज्ञापित किया। दौरान मेला में लगें स्वदेशी स्टालों के उत्पादों और जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी आगुंतकों ने ली। अवसर पर आये अतिथियों का मेला समिति ने स्वागत-सत्कार कर सम्मान किया। जहां मेला समिति के स्वयं सेवकों, खेल-सांस्कृतिक संस्थाओ और पदाधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई। वहीं प्रतिभागियों और व्यवसायियों, कारिगरो ने स्थानीय स्तर पर मिले मंच के लिए स्वदेशी मेला आयोजकों की तारीफ की। इन आयोजनों का सफल मच संचालन संजय मिश्रा और गजेंद्र भारद्वाज, मुस्कान चौरसिया ने किया। वहीं आभार जैनेंद्र कटरे ने माना।

कल एकल सुरताल और तलवारबाज़ी

इस संबंध में जानकारी देते हुए हेमेन्द्र क्षीरसागर, मीडिया प्रभारी, स्वदेशी मेला, स्वदेशी जागरण मंच ने बताया कि, कल रविवार को आयोजनों के दौर में दोपहर 5 से शाम 7 बजे तक तलवारबाजी, लाठी, योगा, चकरा आयोजित किए गए हैं। साथ शाम 7 बजे से एकल सुरताल का आयोजन किया गया है। जहां खेलकूद के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का लुत्फ लेने की अपील करते हुए उनके सफल प्रर्दशन की आशा स्वदेशी मेला समिति ने स्वदेशी भाई-बहनों से गौरवमयी उपस्थित का आग्रह किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button