छत्तीसगढ़

CGPSC घोटाला: जांच में तेजी, पूर्व चेयरमैन के रिश्तेदार सहित 5 गिरफ्तार

रायपुर । छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) भर्ती घोटाले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, गिरफ्तारियों का सिलसिला तेज होता जा रहा है। हाल ही में सीबीआई ने पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के बेटे और भतीजे सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तारियों की सूची में हाई-प्रोफाइल नाम

पूर्व चेयरमैन के बेटे नीतेश सोनवानी, भतीजा साहिल सोनवानी, उद्योगपति श्रवण कुमार गोयल के बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका कटियार को गिरफ्तार किया गया है। इन सभी पर सीजीपीएससी के माध्यम से फर्जी तरीके से राज्य प्रशासनिक सेवा में नियुक्तियां कराने का आरोप है। नीतेश सोनवानी का नाम सिलेक्शन लिस्ट में सरनेम छिपाकर शामिल किया गया था। सीबीआई ने दस्तावेजों की जांच में यह भी पाया कि चयन सूची में कई उम्मीदवारों के नाम जानबूझकर छिपाए गए।

पदों पर धांधली और जांच की स्थिति

सीजीपीएससी 2021 के तहत डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी के पदों पर हुए चयन में 18 से अधिक उम्मीदवार प्रभावशाली लोगों के रिश्तेदार हैं। इनमें कांग्रेस नेताओं, ब्यूरोक्रेट्स और पूर्व अधिकारियों के बच्चे भी शामिल हैं। हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान भी यह मामला उठा था, और कोर्ट ने कहा था कि इतनी बड़ी संख्या में अधिकारियों के रिश्तेदारों का चयन संयोग नहीं हो सकता।

एग्जाम कंट्रोलर की भूमिका पर सवाल

सीबीआई ने परीक्षा नियंत्रक ललित गणवीर को भी गिरफ्तार किया है। गणवीर पर आरोप है कि उन्होंने परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इससे पहले आरती वासनिक से पूछताछ के दौरान दस्तावेज जब्त किए गए थे।

इतिहास में भी विवादित रही है सीजीपीएससी परीक्षा

यह पहली बार नहीं है जब सीजीपीएससी विवादों में है। 2003 में आयोजित पहली सीजीपीएससी परीक्षा में भी फर्जीवाड़ा सामने आया था। हाई कोर्ट ने तब चयन सूची रद्द कर दी थी, लेकिन मामला अब भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियों की संभावना

सीबीआई के जांच अधिकारियों ने बताया कि दस्तावेजों और गवाहों से मिले सबूतों के आधार पर जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। जांच के दायरे में कई पूर्व और वर्तमान ब्यूरोक्रेट्स, कांग्रेस नेताओं के रिश्तेदार और प्रभावशाली लोग हैं।

पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर की पीआईएल बनी जांच का आधार

पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर द्वारा दायर पीआईएल के बाद यह मामला हाईलाइट हुआ। इसमें 18 नामों की सूची सौंपी गई थी, जिनके चयन में फर्जीवाड़ा हुआ था। सीबीआई अब इन्हीं नामों पर फोकस कर रही है।

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