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हिंदुओं के लिए खुलकर बैटिंग की तुलसी गबार्ड

हिंदुओं के लिए खुलकर बैटिंग की तुलसी गबार्ड

वाशिंगटन। अमेरिका के नए नवेले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पूर्व सांसद तुलसी गबार्ड को अपनी सरकार में राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (DNI) के रूप में नियुक्त किया है। तुलसी गबार्ड अमेरिकी कांग्रेस की पहली हिंदू महिला सदस्य हैं। वह पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही ज्यादतियों की आलोचना करती रही हैं। गबार्ड की मां का जन्म अमेरिका में हुआ था। उन्होंने हिंदू धर्म अपनाया। तुलसी गबार्ड का लालन-पालन हिंदू मान्यताओं के मुताबिक ही हुआ है। वह जन्म से ही शाकाहारी हैं और कांग्रेस में प्रवेश के समय उन्होंने भगवद गीता पर शपथ ली थी। 2021 में तुलसी गबार्ड ने अमेरिकी कांग्रेस में एक प्रस्ताव पेश किया था, जिसमें बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के संरक्षण की मांग की गई थी। उन्होंने हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज बुलंद की थी। प्रस्ताव में गबार्ड ने 1971 में पाकिस्तान की सेना द्वारा बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ किए गए अत्याचारों की कड़ी निंदा की थी।गबार्ड ने बताया कि 50 साल पहले पाकिस्तान की सेना ने बांग्लादेश में बंगाली हिंदुओं को उनके घरों से खदेड़ दिया था, जिनमें से लगभग करीब 30 लाख लोग मारे गए थे। उन्होंने यह भी कहा था कि पाकिस्तान की सेना ने हिंदुओं को जानबूझकर निशाना बनाया।
2017 में तुलसी गबार्ड ने भारत पर हमले करने वाले आतंकवादियों को पनाह देने पर पाकिस्तान की आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान लगातार भारत, अफगानिस्तान और अन्य देशों में आतंकवादियों को सुरक्षित पनाह दे रहा है। गबार्ड ने कांग्रेस में पाकिस्तान को अमेरिकी सैन्य सहायता में कटौती करने की कोशिश की और पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए दबाव बनाने का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “मैंने कांग्रेस में पाकिस्तान को मिलने वाली अमेरिकी सैन्य सहायता को कम करने की कोशिश की है और पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने की बात की है ताकि पाकिस्तान अपने आतंकवादियों के संबंधों को तोड़े।”
डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के मुद्दे को भी उठाया था। शेख हसीना की सत्ता से बेदखली और छात्र आंदोलनों के बाद उन्होंने चिंता जताई। ट्रंप ने इस मुद्दे के समाधान के लिए आवाज उठाई और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा की कड़ी निंदा की।

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