बीजिंग/इस्लामाबाद, पाकिस्तान में चीनी इंजीनियरों एवं अन्य कर्मचारियों पर बीते कुछ सालों में आतंकी हमले हुए हैं। चीन की ओर से ऐतराज जताने और पाकिस्तान के पेच कसे जाने के बाद भी इन घटनाओं में कमी नहीं आई है। हाल ही में कराची में भी कार में बम धमाका हुआ और इसमें भी चीनी नागरिकों को ही निशाना बनाया गया। इन घटनाओं से आजिज चीन का अब पाकिस्तान पर भरोसा कम होता दिख रहा है। चीन ने पाकिस्तान की सरकार को प्रस्ताव दिया है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए भी स्टाफ भेजेगा। इसके तहत चीनी सैनिक स्टाफ की सुरक्षा के लिए तैनात रहेंगे। पाकिस्तान के सुरक्षाकर्मी भी बाहरी घेरे में रहेंगे।
हजारों चीनी नागरिक पाकिस्तान में काम करते हैं और उनकी सुरक्षा एक चिंता का विषय है। बलूचिस्तान में सक्रिय अलगाववादी संगठन बलोच लिबरेशन आर्मी ने चीनी परियोजनाओं का भी विरोध किया है। वह मानता है कि पाकिस्तान और चीन मिलकर उनके स्थानीय संसाधनों पर कब्जा जमा रहे हैं। इसी के विरोध में अकसर चीनी नागरिकों पर हमले किए जाते हैं। चीन सरकार लगातार यह कहती रही है कि उसके नागरिकों की सुरक्षा की जाए और पाकिस्तान कदम उठाए। हालांकि अब तक पाकिस्तान यह सुनिश्चित नहीं कर पाया है कि चीनी नागरिकों पर हुआ यह हमला आखिरी है। लगातार ऐसी घटनाएं हो रही हैं, ऐसे में चीन ने अपनी ही सेना भेजने का फैसला लिया है।