छत्तीसगढ़

दिव्यांग बच्चों के लिए राज्य बाल कल्याण परिषद ने शुरू किया ‘शिक्षा का मंदिर’

रायपुर । छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद रायपुर ने मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर दिव्यांग बच्चों के लिए प्री-प्राइमरी स्कूल “शिक्षा का मंदिर” का शुभारंभ किया। इस पहल का उद्देश्य दिव्यांग बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कौशल विकास के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना है।

परिषद के अध्यक्ष और सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने इस अवसर पर सभी को शुभकामनाएं दीं। संयुक्त सचिव राजेन्द्र कुमार निगम ने बताया कि स्कूल का उद्घाटन सप्रे शाला परिसर, बूढ़ा पारा रायपुर स्थित मुख्य कार्यालय के भू-तल में विधिवत पूजा-अर्चना के साथ किया गया।

छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद पहले से ही मानसिक दिव्यांग बच्चों के लिए कई केंद्र संचालित कर रही है, जिनमें बालगृह बालक माना कैंप, बाल जीवन ज्योति बालिका गृह पुरानी बस्ती, बालिका गृह कोंडागांव और रायपुर का स्पीच थैरेपी सेंटर शामिल हैं। अब दिव्यांग बच्चों के लिए एक वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर भी शुरू किया जा रहा है ताकि उनकी क्षमता के अनुसार उन्हें कौशल प्रदान किया जा सके।

शुभारंभ समारोह

इस अवसर पर सरस्वती जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण, दीप प्रज्वलन और पूजा के साथ “शिक्षा का मंदिर” स्कूल का विधिवत उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम में परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. अशोक त्रिपाठी, डॉ. कमल वर्मा और महासचिव चंद्रेश शाह ने संबोधित किया।

कार्यक्रम का संचालन संयुक्त सचिव राजेन्द्र कुमार निगम ने किया और आभार प्रदर्शन किया। इस अवसर पर कोषाध्यक्ष इंदिरा जैन, संयुक्त सचिव प्रकाश अग्रवाल, स्कूल प्रभारी संजीव बसंत हुड्डार, छगन भाई पटेल, रत्ना पांडे, हर्षा जोशी, प्रभा सेंद्रे, श्वेता सिंह और इंद्रसेन सहित परिषद के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

दिव्यांग बच्चों की शिक्षा का नया अध्याय

यह पहल छत्तीसगढ़ राज्य में दिव्यांग बच्चों की शिक्षा और विकास के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी। “शिक्षा का मंदिर” के माध्यम से बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने और उनके उज्जवल भविष्य की नींव रखने का लक्ष्य है।

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