छत्तीसगढ़

साय सरकार ने साल के पहले दिन सहायक शिक्षकों पर अत्याचार किया : भूपेश

पूर्व मुख्यमंत्री ने तूता धरना स्थल पहुंचकर शिक्षकों की मांग का समर्थन किया

रायपुर । पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शिक्षकों की बर्खास्तगी और धान खरीदी समेत विभिन्न मुद्दों पर साय सरकार की कड़ी आलोचना की है। तूता धरना स्थल पहुंचकर शिक्षकों की मांगों का समर्थन करते हुए उन्होंने इसे भाजपा सरकार द्वारा युवाओं और किसानों पर अत्याचार करार दिया।

2897 शिक्षकों की बर्खास्तगी पर सवाल

भूपेश बघेल ने कहा कि साय सरकार ने 2897 नियमित सहायक शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया, जो भारतीय इतिहास में किसी भी राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों की इतनी बड़ी संख्या में बर्खास्तगी का पहला मामला है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने अदालत में शिक्षकों का पक्ष सही तरीके से नहीं रखा, जिससे

उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं।

उन्होंने सुझाव दिया कि इन शिक्षकों को प्रयोगशाला सहायक और उच्च श्रेणी शिक्षकों के पदों पर समायोजित किया जा सकता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने 33,000 रिक्त पदों पर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया रोक रखी है और इसे तुरंत शुरू करने की मांग की। धान खरीदी में फैली अव्यवस्था पर चर्चा करते हुए बघेल ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों का पूरा धान नहीं खरीदना चाहती। उन्होंने धान खरीदी केंद्रों पर बारदाने की कमी, उठाव में देरी, और किसानों को समय पर भुगतान न करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा कि इस साल सेंट्रल पूल में कितना चावल लिया जाएगा, जिसे अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया।

चुनाव से डर रही भाजपा सरकार

नगर निगमों में प्रशासक नियुक्त किए जाने पर बघेल ने कहा कि भाजपा सरकार चुनाव कराने से डर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव की अवधि बढ़ाने और प्रशासक नियुक्त करने का निर्णय जनता की नाराजगी से बचने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि साय सरकार एक साल में ही अलोकप्रिय हो गई है और जनता हर वर्ग से नाराज है।

धर्मांतरण पर भाजपा को घेरा

भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के शासन में राज्य में धर्मांतरण की घटनाएं बढ़ी हैं। उन्होंने “घर वापसी” के दावों पर सवाल उठाते हुए पूछा कि जो लोग घर वापसी कर रहे हैं, उन्हें किस जाति में शामिल किया जा रहा है और क्या इसका कोई रिकॉर्ड रखा जा रहा है।

भूपेश बघेल का तीखा हमला

भूपेश बघेल ने कहा, “साय सरकार ने साल के पहले दिन युवाओं पर अत्याचार कर उन्हें हतोत्साहित किया है। किसानों, महिलाओं, युवाओं, और आदिवासियों के मुद्दों पर सरकार पूरी तरह विफल रही है।”

इस पूरे घटनाक्रम के बाद राज्य की राजनीति में गरमाहट बढ़ गई है, और विपक्ष सरकार पर लगातार हमलावर है।

 

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